पीएम मोदी बोले, आर्ट ऑफ लिविंग से देश को नई पहचान मिली
भारत के पास बहुत कुछ जिसकी दुनिया को तलाश
नई दिल्ली- विवादों और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
की बाधाओं को पार कर दिल्ली में यमुना किनारे शुरू
हुए आर्ट ऑफ लिविंग के विश्व संस्कृति महोत्सव में
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के पास वो
मानवीय विरासत है ,जिसकी तलाश पूरी दुनिया को है | दुनिया केवल आर्थिक हितो से
जुडी है ऐसी बात नही है यह मानवीय मूल्यों से जुडी हुई है और ऐसा होना भी चाहिये |
आर्ट ऑफ लिविंग मिशन से भारत को एक अलग पहचान मिली है | इसका यह आयोजन कला का
कुम्भ मेला है | शुक्रवार को शुरू हुए कार्यक्रम में श्रीश्री रविशंकर ने अपनी
चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि कुछ लोगो ने इसे एक प्राइवेट पार्टी बताया | निश्चित तौर
पर यह एक प्राइवेट पार्टी है क्यूंकि पूरी दुनिया मेरा परिवार है | उन्होंने कहा
की किसी भी महान कार्य में अड़चन तो आती ही है | लेकिन आखिर में फल मीठा होता है
प्रधानमंत्री ने आर्ट ऑफ लिविंग के तीन दिवसीय वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल का उद्घाटन
करते हुए कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग का मिशन १५० देशों में यह मिशन
फ़ैल चुका है |पीएम ने कहा इस कार्यक्रम को लेकर प्रकति ने भी कसौटी कसी जिसमे यह
सफल हुआ | यह भी तो एक आर्ट ऑफ लिविंग ही है जब अपने लिए नही औरो के लिए
जीते है तो आर्ट ऑफ लिविंग चाहिये | जब लोग मै से टूट कर हम की ओर चलते है तो आर्ट ऑफ लिविंग चाहिये | हम वसुधैव कुटुम्बकम की
कामना करते है यही आर्ट ऑफ लिविंग है | यह ज्ञान हमारे ऋषियों-मुनियों ने हमे दिया
है | हमारे पास सांस्कृतिक विरासत है |
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