जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष ने मीडिया के सामने रखी अपनी बात
नई दिल्ली अफजल गुरु नहीं, बल्कि रोहित वेमुला मेरे लिए आदर्श है | मै व्यक्ति के
तौर पर एक जगह हूँ , जेएनयू स्टूडेंट यूनियन प्रेसीडेंट के तौर पर अलग और गरीब माँ
मीना देवी के बेटे के तौर पर अलग हूँ | मैं जेएनयू छात्रसंघ के आधार पर अपनी बात रख रहा हूँ | अफजल गुरु भारत के संबिधान के तहत अखंड भारत
के नागरिक थे | भारतीय संबिधान के तहत कानून ने उसे सजा दी लेकिन यही कानून हमे
बोलने की भी आजादी देता है |यह कहना है जवाहर लाल नेहरु
विश्वविध्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार का | जेएनयू कैंपस में छात्रसंघ
अध्यक्ष ने जेल से छुटने के बाद पहली बार शुक्रवार को
मीडिया से बात की हालाँकि अफजल गुरु पर एक बार और स्थिति स्पष्ट
करने के सवाल को वह टाल गए, जबकि इस प्रश्न
पर वहां मौजूदा छात्र शोरशराबा व रोकटोक करने लगे कन्हैया ने कहा कि मै आपके
माध्यम से अपनी आवाज देश की जनता तक पहुचाना चाहता हूँ| हम जेएनयू के
छात्र देश के लोगो को आश्वस्त करना चाहते है कि उनके टैक्स से मिलने वाली सब्सिडी से जेएनयू में छात्र पढ़ते है और उनका पैसा बिल्कुल
गलत खर्च नही हो रहा | देश की जनता को विश्वास दिलाता हूँ कि हम भी कश्मीर को भारत का ही अंग
समझते है मै नेता नही विधार्थी हूँ | और आगे शिक्षक बनना चाहता हूँ | पीएम पर साधा निशाना कन्हैया ने कहा , देशद्रोह और राजद्रोह
में फर्क होता है देश की सरकार एक पार्टी की सरकार एक
दफ्तर की सरकार बनकर रह गई है उनको यह याद दिलाना है कि आप देश के पीएम है, शिक्षा मंत्री है मै साफ कर
दूँ कि हमारे आपसे मतभेद है , मतभेद नही अंग्रेजो
ने देशद्रोह का कानून बनाया था | इस देश के अंदर न्याय के पक्ष में खड़े होने वालो
के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया गया इसे खत्म करना चाहिये |
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