Saturday 7 May 2016
इस जिम में रात को भूत करते हैं एक्सरसाइज़
इंसान ही नहीं अब आत्मांए भी फिटनेस के प्रति जागरूक हो गई हैं. चिली के पीसा स्थित एक जिम में आधी रात को भूत एक्सरसाइज़ करने आते हैं. यहां रात को अचानक जिम की मशीनें अपने आप चलने लगती है और ऐसा लगता है जैसे कोई अदृश्य-शक्ति वहां वर्कआउट कर रही है. भूतों का वर्कआउट देखिए इस वीडियो में
फिल्म 'द जंगल बुक' में मोगली का विशाल ददलानी के साथ जुड़ा ये कैसा रिश्ता
डिजनी इंडिया का अगला प्रोजेक्ट, फिल्म 'द जंगल बुक' अब जल्द ही सामने आने वाला है | इस फिल्म के हिंदी संस्करण में बच्चो से लेकर बड़ो में खासी उत्सुकता देखी गई है | वहीं फिल्म से जुड़ी एक और खबर सामने आ रही है। खबर ये है कि इस फिल्म के गीत 'द बेयर नेसेसिटीज़' को गाने के लिए बॉलीवुड सिंगर विशाल ददलानी को चुना गया था |
ये है जानकारी
इस फिल्म में विशाल ददलानी की आवाज में दर्शक फिल्म का ये गाना | बता दें कि 'द बेयर नेसेसिटीज़' को मोगली और बालू पर फिल्माया गया है व गीत को टेरी गिल्किंसन ने लिखा है | यह बता दे कि १९६७ में इसे 'अकेडमी अवॉर्ड फॉर बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग' के लिए भी पुरुस्कृत किया जा चूका है |
यह कहा (ददलानी)
एक बयान में इस बारे में विशाल ददलानी ने कहा कि जब डिजनी ने 'द बेयर नेसेसिटीज़' के लिए उनसे संपर्क किया था तो उनकी भावनाएं मिली-जुली सी थी । उन्होंने कहा कि इस गीत का हिस्सा होना उनके लिए गर्व की बात है । वही लोगो का कहना है की इसका मूल गीत तो इतना प्रसिद्ध हुआ की आज भी लोगो की जुबान पर यह गीत गूंज रहा है | इतनी प्रसिद्धी पा लेना तो मुश्किल है |
बॉलीवुड के कलाकार देंगे आवाज
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उन्हें इस बात की उम्मींद है कि लोगों को 'द बेयर नेसेसिटीज़' का उनका नया संस्करण काफी पसंद आएगा। गौरतलब है कि फिल्म 'द जंगल बुक' के हिंदी संस्करण में मशहूर बॉलीवुड कलाकार फिल्म आठ अप्रैल को रिलीज होने वाली है।
एक बड़ा टास्क दुनिया की दस सड़कों पर ड्राइविंग, ऊंची पहाड़ियों व सुरंगों में बनी
आज के दौर में ड्राइविंग व राइडिंग करना हर किसी का शौक होता है । शायद इसीलिए लंबी, शानदार खूबसूरत सड़कों पर फरार्टा भरना लोगों की एक आदत सी हो गई | लेकिन अगर आपको ऐसी जगह के बारे में पता चले जहा की सडको पर एक जगह मौत तथा दूसरी जगह खाई हो | तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगा | यहाँ पर ड्राइविंग एक बड़ा टास्क है लंबी, घुमावदार सुरंगो में या पहाड़ियों के ऊपर से बनी ये सड़कें काफी खतरनाक हैं।
बाल्दविन स्ट्रीट
न्यूजीलैंड में स्थित इस बाल्दविन स्ट्रीट को दुनिया की अद्भुत सड़कों में से एक माना जाता है | यहाँ इस सड़क की एक खास बात यह है की यहाँ हर मीटर पर सड़क एक मीटर ऊँची हो जाती है | इससे यह ३५ प्रतिशत स्लाप बना लेता है | यह सड़क गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो चुकी है।
लाएरदल सुरंग
नॉर्वे में दुनिया की सबसे लंबी टनेल रोड बनी है। यहां पहाड़ों के अंदर २४.५१ किमी लंबी‘लाएरदल सुरंग’बनाई गई है। ३० फीट चौड़ी इस सड़क पर काफी संख्या में वाहन गुजरते हैं। इसे साल २००० में इसे यातायात के लिए खोल शुरू किया गया।
बेबर्ट रोड
तुर्की के बेबर्ट रोड D९१५ को दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तो में से एक माना जाता है | यहाँ पर ६००० फीट की ऊँचाई पर पहाड़ी पर बनी इस रोड पर कोई रेलिंग भी नही है | इसके हेयरपिन मोड़ पर अक्सर हादसे होते रहते हैं। जिससे अब तक सैकड़ो लोगों की जान जा चुकी है।
मिलाऊ रोड
फ्रांस (पश्चिमी) में मिलाऊ शहर के निकट टार्न नदी पर बना पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल कहलाता है | यह पुल सिर्फ केबल के सहारे ही बना है। इसकी अधिकतम ऊंचाई ३४३ मीटर है । इसका एक खंभा १११८ फूट ऊंचा है।
अल्पाइन रूट
इसी सूची में जापान का अल्पाइन रूट भी शामिल है। यह बरफ की पहाड़ियों के बीच से निकाला गया है। अल्पाइन रूट देखने में बहुत खूबसूरत दिखता है यह बर्फ के बीच से निकले गए रास्ते पर बना है जहाँ हर तरह के वाहन काफी गति से गुजरते हैं।
डेथ रोड
बोलिविया के ये खतरनाक रास्ता काफी घातक है। यह यहां डेथ रोड के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर साल करीब ३०० से अधिक लोग मरते हैं।`यह सिंगल लेन रोड कोई सुरक्षा के मानको से नहीं जुड़ी है। यह करीब १९,६८ चोटियों तक जाती है।
स्टेलविओ पास
इटली में बना स्टेलविओ पास नाम से ये रास्ता काफी घुमावदार है। इस रूट पर चलते समय करीब १८० डिग्री तक का झुकाव होता है। जिससे यहां पर ड्राइव करना काफी कठिन काम होता है।
आइयर हाईवे
आस्ट्रेलिया का ये आइयर हाईवे में बिल्कुल सीधी रेखा के हिसाब से बनाई गई है। यह कई किलोमीटर तक बिल्कुल सीधी बनाई है। हालांकि बाकी सड़कों की तहर इसमें भी मोड़ व घुमाव दिए गए हैं। जो कई किलोमीटर की दूरी पर हैं।
रिवर वैली
रिवर वैली के बीच चीन ने बना डाला 11 KM लंबा हाईवे का निर्माण किया है। इस हाइवे में सड़क को नदी पर ब्रिज के ऊपर बनाया गया है। 10.9 किलोमीटर लंबे हाइवे का 4.4 किलोमीटर रास्ता पानी के ऊपर है। जहां पर चलने में लोगों को डर लगता है।
अटलांटिक रोड
नार्वे में स्थित अटलांटिक रोड आज नेशनल टूरिस्ट रूट्स के नाम से जाना जाता है। इसकी लंबाई साढ़े आठ किलोमीटर (५.२ मील) है। यह नार्वे के समुद्र में कई आइलैंड्स को आपस में जोड़ने से बनी है। यह भी काफी खतरनाक सड़क मानी जाती है।
सर्राफा व्यापारी मिलेंगे पीएम मोदी से अब उत्पाद शुल्क के विरोध में
आए हुए बजट २०१६-१७ में गैर चांदी के आभूषणों पर एक प्रतिशत के उत्पाद शुल्क प्रस्ताव का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। विरोध करने वाले सर्राफा व्यापारियों को यह शुल्क देना स्वीकार नही है | जिससे वे लगातार हड़ताल पर चल रहे है | ऐसे में अब सर्राफा कारोबारी प्रधानमन्त्री से मिलने की तैयारी में है | जिसमे वे अपनी मांगों को रखेंगे | विरोध में यूपी संगठन व्यापारों ने बंधी भी की है |
कारोवारियों द्वारा हल्लाबोल आन्दोलन
बजट को लेकर गैर चांदी के आभुशनो पर एक प्रतिशत की एक्साइज ड्यूटी को लेकर विरोध में है | वे लगभग ३४ दिनों से हड़ताल पर बैठे है | वे किसी भी कीमत में सरकार द्वारा लागू इस शुल्क को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में उनके संगठन में दुसरे व्यापारी भी शामिल हो गए है | जिससे उसके विरोध में सराफा तथा व्यापार मंडल के व्यापारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल आंदोलन किया। कारोवारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेवाजी की है | इतना ही नहीं कई जगह व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है।
कारोबारियों को उम्मीद
आभूषणों पर एक प्रतिशत के उत्पाद शुल्क के प्रस्ताव के अब व्यापारी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से मिलने की तैयारी में है | ऐसे में पीपी ज्वैलर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व ईआयू और सेज के लिए निर्यात संवद्र्धन परिषद के वाइस चेयरमैन राहुल गुप्ता ने इसकी पहल की है। राहुल गुप्ता का कहना है बुधवार को उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात होनी है । वहीं कारोबारियो को प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात पर कुछ बदलाव होने की उम्मीद है। इस समिति का नेतृत्व आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिरी करेंगे।
दुनिया का पहला बाईट टाइगर (सफारी)
सफेद बाघों वाला दुनिया का पहला सफारी सतना के मुकुंदपुर में जनता के लिए खोल दिया गया। बिलौटा जाति के इस सदस्य यानी सफेद बाघ को विंध्य के इस इलाके में तकरीबन १०० साल पहले सबसे पहले खोजा गया था । यह सफारी ५० करोड़ रुपये की लागत पर २५ हेक्टेयर इलाके की जमीन तक फैला हुआ है । इस सफारी का लोकार्पण मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया | इस ऐतिहासिक दिन को मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह एमपी के लिए गर्व की बात है । मुकुंदपुर में यहां दुनिया का पहला वाइट टाइगर सफारी है ।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विंध्य ने दुनिया को सबसे पहला सफेद बाघ दिया है। लेकिन सफेद बाघ विराट की मौत १९७६ में होने के बाद इस इलाके की विशेषता छीन गई थी | लेकिन फिर से यह गौरव चालिस साल बाद लौट आया है | यहां प्रदेश के लोगों के लिए रोजगार के मौके भी मिलेंगे। यह सफारी एक हफ्ता तक लोगों के लिए निशुल्क रहेगा | इसका नाम रीवा के महाराजा मार्तंड सिंह के नाम पर होगा।
सपना सफारी के रूप में साकार
प्रदेश के लोगो को लम्बे समय से यह सफारी का सपना था की उन्हें सफेद बाघों को फिर से देखने को मिले | आज वह सपना पूरा हुआ है | उन्होंने कहा कि एक सम्मेलन में भाग लेने दुनिया के १२ देशों से नेता आएंगे जहां के चिडि़याघरों में सफेद बाघ रहते हैं। सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
रघु, विंध्य और राधा का सफारी में रहेगा जलवा
एमपी के जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि सफारी एक सफेद बाघ है जिसको जनता के लिए अधिकारिक तौर पर खोल दिया गया है | एक नर बाघ जिसका नाम रघु है और दो मादाये जिसका नाम विंध्य और राधा है | यहां दो रॉयल बंगाल टाइगर्स भी हैं। आने वाले समय में यहाँ नौ और सफेद बाघ भी होंगे | उन्होंने कहा कि पिछले साल सफारी में सबसे पहले भोपाल से सफेद बाघ विंध्य और दो भालू लाए गए थे। बाद में भिलाई स्थित मैत्री जू से दो और सफेद बाघ राधा और रघु को लाया गया था |इसके अलावा इस साल महाराष्ट्र के औरंगाबाद जू से दो रॉयल बंगाल टाइगर भी लाए गए।
(मोहन के वंशज) दुनिया के सभी सफेद बाघ
सरकार की योजना के अनुसार मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताया की गोविंदगढ़ में सफेद बाघों के लिए ब्रीडिंग सेंटर बनाया जाएगा। मध्य प्रदेश के इसी विंध्य क्षेत्र में १९१५ में सफेद बाघ देखा गया था। बिलौटा परिवार के दुर्लभ प्रजाति के इस सफेद बाघ को पहली बार पकड़ा गया जिसकी मौत १९२० ई० में हो गई | १९५१ ई० में सफेद बाघ के एक बच्चे को पकड़ा गया। उसका नाम मोहन रखा गया। दुनिया के जितने भी सफेद बाघ हैं वे सभी उसी के वंशज हैं।इनकी ब्रीडिंग सेंटर की व्यवस्था महाराजा मार्तंड सिंह ने की थी।
कैसे करते है अमीर और शक्तिशाली लोग धन की हेरा-फेरी
अपनी दौलत छिपाने को लेकर लीक हुए बड़े पैमाने पर गोपनीय दस्तावेजो से पता चला है की ताकतवर और रईस धन वाले लोग किस प्रकार अपनी धन दौलत छिपाने के लिए टैक्स की चोरी किया करते है | और उन तरीको का भी इस्तेमाल करते है जिससे उन्हें कम से कम टैक्स भरना पड़े | दुनिया की एक पनामा कंपनी मोसाक फोंसेका जो सबसे ज्यादा गोपनीयता से काम करनी वाली है जिसने अभी तक एक करोड दस लाख के गोपनीय दस्तावेज लीक किये हुए है | इन दस्तावेजो से पता चलता है कि मोसाक फोंसेका ने किस तरह अपने ग्राहकों के काले धन को वैध बनाने, प्रतिबंधों से बचने और कर चोरी में मदद की। कंपनी वाले कहते है की वो लोग तकरीबन चालिस बर्षो से बिना किसी आरोप के काम कर रही है | और उस पर कुछ करने का आरोप कभी नही लगा | दस्तावेजो से पता चलता है कि ७२ वर्तमान या पूर्व राष्ट्राध्यक्षो के तार इस कंपनी से जुड़े है | इनमे कई पिछले तानाशाह ऐसे भी है जिन पर पर अपने ही देश को लुटने का ही आरोप है | जर्मन अख़बार ज़ूटडॉयच ट्सायटूंग ने इन दस्तावेज़ों को देखा है और उन्हें इंटरनेशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) के साथ साझा किया।बीबीसी पैनोरामा और द गार्डियन ७८ उन देशों के १०७ मीडिया संस्थानों में से शामिल है | जिन्होंने इन दस्तावेज़ों का अध्ययन किया है । जिसने ये दस्तावेज़ उपलब्ध कराए हैं। बीबीसी को उस सूत्र की पहचान नहीं पता है | इन दस्तावेज़ों में मोसाक फोंसेका कंपनी की हर दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों का ब्यौरा दर्ज है । आईसीआईजे के निदेशक गेरार्ड राइल का कहना है|गेरार्ड राइल का कहना है की उनके दस्तावेज इतने ज्यादा है उनकी संख्या इतनी है की यह दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा झटका साबित होगा | इन दस्तावेज़ों में मिस्र के पूर्व तानाशाह होस्नी मुबारक, लीबिया के पूर्व शासक मुअम्मर गद्दाफ़ी और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के परिवार और उनके सहयोगियों से जुड़ी कंपनियों की गोपनीय जानकारी भी शामिल है।दस्तावेजो से अरबो डॉलर की हेराफेरी करने वाले एक संदिग्ध गिरोह जिसका सम्बन्ध एक रुसी बैंक से है जिसका पता चला है | जिसमें राष्ट्रपति पुतिन के करीबी सहयोगी भी जुड़े हुए हैं। जिसका सम्बन्ध रसिया बैंक से है जिस पर क्रामिया प्रकरण के बाद अमरीका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंध लगे हैं। इन दस्तावेजो से पता चला है की यह बैंक किस तरह काम करता है विदेश में स्थित कंपनियों के ज़रिए पैसा लगाया जाता है जिनमें से दो कंपनियां आधिकारिक तौर पर उन लोगों की हैं जो रूसी राष्ट्रपति के सबसे करीबी दोस्तों में से एक है | उनका नाम सर्गेई रोल्डूगिन है और राष्ट्रपति की बेटी मारिया के गॉडफादर भी हैं । जो किशोरावस्था से ही पुतिन के मित्र थे |दस्तावेज़ों में आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमंडर गुनलॉन्गसॉन का नाम भी आया है जिन पर एक गुप्त विदेशी कंपनी में करोड़ों डॉलर निवेश करने का आरोप है।
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